तेरा अदभुत रूप निराला, आजा! मेरी नैना माई ए |

तुझपै तन मन धन सब वारूं, आजा मेरी नैना माई ए ||

सुन्दर भवन बनाया तेरा, तेरी शोभा न्यारी |

नीके नीके खम्भे लागे, अद्-भुत चित्तर करी तेरा रंग बिरंगा द्वारा ||

आजा झाँझा और मिरदंगा बाजे, और बाजे शहनाई |

तुरई नगाड़ा ढोलक बाजे, तबला शब्त सुनाई |

तेरे द्वारे नौबत बाजे ||

आजा पीला चोला जरद किनारी, लाल ध्वजा फहराये |

सिर लालों दा मुकुट विराजे, निगाह नहिं ठहराये |

तेरा रूप न वरना जाए ||

आजा पान सुपारी ध्वजा, नारियल भेंट तिहारी लागे |

बालक बूढ़े नर नारी की, भीड़ खड़ी तेरे आगे |

तेरी जय जयकार मनावे ||

आजा कोई गाए कोई बजाए, कोई ध्यान लगाये |

कोई बैठा तेरे आंगन में, नाम की टेर सुनाये |

कोई नृत्य करे तेरे आगे ||

आजा कोई मांगे बेटा बेटी, किसी को कंचन माया |

कोई माँगे जीवन साथी, कोई सुन्दर काया |

भक्तों किरपा तेरी मांगे || आजा